आज सुबह 6:57 आंख तो ऐसे खुली की जैसे कुछ बड़ा ही होगा लेकिन जब समय खराब हो तो दिन की ऐसी तैसी होने निश्चित ही हो जाता है । चाय नास्ता कर तैयार हो गया दिन की बेहतर शुरुवात सोच कर ।
शुक्रवार का दिन सुबह राशि फल पढा तो ऐसा लगा कि आज कुछ अच्छा ही होगा फिर क्या था अच्छे दिन की सोचते सोचते घड़ी सुबह के 11:30 बजा चुकी थी लेकिन घड़ी का क्या है उसका तो काम ही है समय बताना लेकिन पूरा ध्यान तो राशिफल अनुसार बेहतर दिन की तलाश में था । खाना खाया लैपटॉप उठाया और बैठ गया कुछ ज्ञान वर्धन करने कुछ देर तो क्लास देखी और फिर शुरुवात हुई बेहतर दिन की और इसी बेहतर शुरुवात के साथ नींद ने गोद लगाया पुनः आंख खुली तो सूरज अपनी दिशा बदल कर सर पर खड़ा था । विचार हुआ कि क्यो न कुछ और नया किया जाए फिर उठाई बाल्टी , शेम्पू और कपड़ा चल पड़ा मारुति 800 lxi की सफाई में अब सफाई करते करते शाम हो गई और आसमान में काले बादलों ने अपनी दबंगई दिखानी शुरू कर दी कुदरत है इसके आगे तो भगवान ने भी घुटने टेक दिए थे मैं किस खेत की मूली था चुपचाप अंदर आ कर फोन उठाया और आज की सबसे बढ़िया सेल्फी ली और आ गया ब्लॉग लिखने अब मैं ब्लॉग लिख रहा हूँ और अंदर टी वी पर रामायण का पुनः टेलीकास्ट चल रहा है ।
कोरोना काल मे झंड जिंदगी के दिन की शुरुवात अच्छी थी और उसे बेहतर बनाया मौसम और मेरे द्वारा ली गई मेरी सेल्फी ने ।
मज़ा आ गया ।
Awesome
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