Friday, September 3, 2021

ऊंची उड़ान "सपनों की"

ऊंची उड़ान "सपनों की"

साल 2021 चल रहा है सितंबर का महीना है पिछले महीने ही हमने भारत का 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया है एक ऐसी स्वतंत्रता जो जीवन को छोड़ कर किताबो में समिट कर रह गई और भारत का सँविधान कहलाई, चलो छोड़ो ये सब तो बीते जमाने है लेकिन उन्ही जमानो के कोरे पन्नो पर सफेद स्याही से हम अपना भविष्य गढ़ रहे थे ।

कितना बेहतरीन था बचपन न नॉकरी की चिंता न पढ़ाई का बोझ बस एक ही काम खेलना खेलना बस खेलना। लेकिन कहते है ना ग्रहण तो भगवान को भी नही छोड़ता और तो और शनि की साढ़े साती का असर भी सात साल बाद खत्म हो जाता है लेकिन क्या कहें हम तो भगवान स्वरूप थे जैसे ही उम्र की समझ मे पहुँचे स्कूल नामक ग्रहण सवार हो गया जो पूरे 20 सालो तक बना रहा।
हाई स्कूल की पढ़ाई भी करी और इंटर का लिंटर भी डाल आये स्नातक के लिए जोर लगाया और साढ़े साती की भांति उसका असर भी खत्म हो ही गया 2012 में, कद छोटा जरूर था मगर उड़ान ऊँची उड़नी थी बस उसी ऊँची उड़ान की तैयारी करते करते उम्र कर तीसरे पड़ाव में आ चुका हूँ पर साला उड़ान अभी भी बाकी है .....